रामजी मिश्र--
कौवे जी ने काँव-काँव कर, अपनी फौज बना ली।
उल्लू जी बन बैठे कमांडर, अपनी बात मना ली।
"हम सब मिलकर पूर्व दिशा को अब प्रस्थान करेंगे।
होने देंगे नहीं सवेरा, दिन का मान हरेंगे।
काले में काले सब मिलकर, काला राज करेंगे।
अपनी ही आवाज से हम, सबके कान भरेंगे।"
तभी कहीं से कूकी कोयल उल्लू जी चकराये.
लाली कैसी आसमान में? बात समझ ना पाये।
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